ज्ञान से ज़्यादा कल्पना ज़रूरी है..
सरहदें सिर्फ़ उन आत्माऔ में होती है जो कल्पना नहीं करती..
एक बीज के अंदर की चीज़ों को देखना ही दृष्टि है...
अगर आप अमीर महसूस करना चाहतें हैं वह हर चीज़ गिनिए जो आपके पास है व जो पैसों से नही खरीदी जा सकती...
अगर आप ज़िंदगी के साथ सुरक्षित खेलते हैं तो इसका मतलब है की आप आगे नही बढ़ना चाहते..
Sunday, October 5, 2008
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2 comments:
सुन्दर विचार प्रेषित किए हैं।
achha laga .....
aisa hi ek aur bhi blog hai :
osho4u.blogspot.com
wahan chintan bhi hai hai muskaan bhi . maine dekha hai aap sab bhi dekhiye.
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