Sunday, October 5, 2008

प्रेरणात्मक सूक्तियां--1


चिट्ठाजगत अधिकृत कड़ी


आप किसी भी उम्र में जवान हैं अगर आप कल की योजनायें बना रहे हैं...

अगर आप किसी चीज़ की कल्पना कर सकते तो आप वह कर भी सकते हैं...

बीते हुए पर पछताना व आने वाले का डर आत्मा के दो दुश्मन हैं..

जो कहता है कि यह किया नही जा सकता उसे किसी करने वाले को रोकना नही चाहिए...

हार या जीत तब तक मायने नही रखती जब तक हम हारते नही..

5 comments:

Manoj Kalra said...

Bahut acche vichaar hain aapke, apka ye blog ek hare hue ke dil me bhi josh bhar sakta hai. aapka swagat hai. ye word verification hata dijiye plz, taki post karne me asaani rahe.

अभिषेक मिश्र said...

Acha sangrah hai. Sanchipt bhi aur upyukt bhi.Badhai aur swagat.

शोभा said...

सुंदर और सकारात्मक विचार देने के लिए आभार. आपका स्वागत है

हिन्दीवाणी said...

काफी अच्छे विचार हैं, आपके।

प्रदीप मानोरिया said...

सुंदर विचार
धन्यबाद आपका स्वागत है
आपको मेरे ब्लॉग पर सादर आमंत्रण है मेरी नई रचना " कांग्रेसी दोहे " पढने के लिए
प्रतीक्षा है